केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने रविवार को 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के पांचवी और अंतिम किश्त की घोषणा की। अंतिम किश्त में रूप से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार (MGNREGA) बजट में अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रवासियों को देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान बेरोजगारी का सामना नहीं करना पड़े।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपये के इस आर्थिक पैकेज का पूरा ब्यौरा दिया है-
पहली किश्त- ₹5,94,550 करोड़
आर्थिक पैकेज की पहली किश्त में देश में कोरोनोवायरस के प्रसार को रोकने के क्रम में उठाए गए कदमों से सर्वाधिक प्रभावित एमएसएमई (सूक्ष्म-लघु-मझोले उद्योगों) के लिए बड़े पैमाने पर ध्यान देते हुए ₹5,94,550 करोड़ आवंटित किया गया।
दूसरी किश्त- ₹3,10,000 करोड़
दूसरी किश्त में प्रवासी श्रमिकों, छोटे किसानों, आदिवासियों और सड़क विक्रेताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसमें प्रवासियों को राशन उपलब्ध कराने के लिए ₹3,10,000 करोड़ आवंटित किया गया है।
तीसरी किश्त- ₹1,50,000 करोड़
कृषि क्षेत्र तीसरी किश्त का केंद्र बिंदु था। इसमें कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ज़ोर देते हुए ₹1,50,000 करोड़ आवंटित किए गए।
चौथी और पांचवी किश्त- ₹48,100 करोड़
चौथे किश्त की घोषणा में कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, नागरिक उड्डयन, बिजली वितरण, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा क्षेत्रों के लिए सुधारों पर केंद्रित था। वायबिलिटी गैप फंडिंग: 8,100 करोड़। पैकेज की आखिरी किश्त यानी पांचवी किश्त की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रोज़गार को बढ़ाने को लेकर सरकार अब इसमें ₹40,000 करोड़ का अतिरिक्त आवंटन करेगी, जिससे रोज़गार के कुल तकरीबन 300 करोड़ व्यक्ति दिवस पैदा होंगे।
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