शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में प्रवासी श्रमिकों की मदद करने को लेकर बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है।
राउत ने लिखा है, "लॉकडाउन के दौरान अचानक सोनू सूद नामक एक नया महात्मा तैयार हो गया। कितने झटके से और चतुराई के साथ किसी को महात्मा बनाया जा सकता है ? कहा जा रहा है कि सूद ने लाखों प्रवासी मजदूरों को दूसरे राज्यों में स्थित उनके घर पहुंचाया। इसका मतलब केंद्र और राज्य सरकार ने कुछ भी नहीं किया । इस कार्य के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल ने महात्मा सूद को शाबाशी दी।"
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संजय राउत ने आगे कहा, "सोनू सूद को आगे करके प्रवासी उत्तर भारतीय मजदूरों में घुसने का प्रयास किया गया। सोनू सूद एक अभिनेता है, पैसा लेकर जो चाहे वह समाज से बोलना व अभिनय करना...यह उसका पेशा है।"
"सोनू सूद का चेहरा आगे करके महाराष्ट्र के कुछ राजनीतिक तत्व 'ठाकरे सरकार' को नाकाम सिद्ध करने का प्रयास कर रहे थे। सोनू सूद कोई महाबली, बाहुबली अथवा सुपर हीरो है.. ऐसा दृश्य तैयार करने में राजनीतिक दल कुछ हद तक सफल हुए।"
"सोनू सूद के पास ऐसा कौन सा तंत्र है जिससे वह हजारों मजदूरों को घर भेजने की व्यवस्था कर सकता है? इस पूरे तंत्र का कर्ताधर्ता शंकर पवार है। वह राष्ट्रीय बंजारा सेवा संघ का अध्यक्ष है । भीड़वाले सोनू के पीछे शंकर पवार खड़े रहते हैं.. ऐसा कई तस्वीरों में नजर आ रहा है।"
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