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Tuesday, June 12, 2018

न्यूजीलैंड में डेयरी उद्योग की आड़ में गायों की हत्या का काला सच।


"न्यूज़ीलैंड" , एक ऐसा देश जो पूरी दुनिया में चार चीजों की वजह से जाना जाता है।
पहली चीज़- कीवी,
दूसरी चीज़- प्राकृतिक खूबसूरती एवं सफाई
तीसरी - भूकंप ,और
चौथी- क्रिकेट ।
भारत में जिस कारण से न्यूजीलैंड को सबसे अधिक जाना जाता है , वह है क्रिकेट में अपनी इमानदारी के लिए। इसे विश्व के सबसे शांत देशों में से एक कहते हैं।
    पर कहते हैं ना कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। उसी प्रकार यह न्यूजीलैंड का आधा सच है। इन सभी मशहूर चीजों के अलावा भी न्यूजीलैंड में एक चीज़ काफी मशहूर है। वह है वहाँ का "डेयरी उद्योग"। डेयरी उद्योग वहां के प्रमुख उद्योग में से एक होने के साथ-साथ वहां की जीडीपी का भी एक प्रमुख हिस्सा है। वहां डेयरी उद्योग के लिए गायों की बहुत आवश्यकता होती है । पूरा का पूरा डेयरी उद्योग गायों पर ही टिका होता है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में गायों को न्यूजीलैंड में संरक्षित किया जाता है ,तथा गायों की अच्छी देखभाल भी की जाती है। ये वो सच है जो दुनिया जानती है, या जितना न्यूजीलैंड की सरकार बताना चाहती है।
  न्यूज़ीलैंड में जानवरों के अधिकारों को लिए लड़ने वाली , "सेफ फ़ोर एनिमल" नामक एक संस्था ने इस बात का सबसे पहले खुलासा किया। खुलासे में संस्था द्वारा एक वीडियो जारी किया गया ,जिसमें खुफिया कैमरे द्वारा कई अमानवीय कृत्यों की रिकॉर्डिंग थी। वीडियो में जानवरों से काफी बुरी तरह से बर्ताव किया जा रहा था, जिनमे मुख्य रूप से गायें थी। वीडियो की मुख्य बातें निम्नलिखित है, जो एक बार अवश्य सोचने पर विवश करती हैं।
* क्योंकि डेरी उद्योग वहां के सबसे बड़े धंधों में से एक है, इसलिए लगातार धंधे के फलने फूलने के लिए यह आवश्यक है कि गाय हर वर्ष एक बछड़े को जन्म दे। क्योंकि बछड़ों के जन्म लेने के कारण ही गाय में दूध होता है।
*जन्म लेने के कुछ घंटे बाद ही बछड़ो को बुरी तरह घसीट कर एक दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है। ताकि बछड़े गायों के दूध को ना पी सके।
*संस्था का दावा है को उन बछड़ो   में से नर बछड़ो की हत्या कर दी जाती है तथा मादा बछड़ो को गोशालाओं में भेज दिया जाता है।
नोट- हम लोग भी बछड़ो के हिस्से दूध ही पीते हैं। तथा बिहार में नील गयो की हत्या के रूप में हमने भी कुकृत्य किये हैं।
नीचे संस्था द्वारा जारी किया गया वीडियो है। जो काफी भावनापूर्ण एवं मार्मिक होने के साथ साथ हिंसात्मक भी है।

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