भारत बनाम न्यूजीलैंड , तीसरा टी 20 मुकाबला , हेमिल्टन , न्यूजीलैंड !
मैच सुपर ओवर में आ पहुंचा है और लगभग हाथ से निकल ही चुका है। करोड़ों लोग अपनी पलकें नहीं झपका पा रहे हैं क्योंकि इस रोमांचक मैच को जीतने के लिए 2 गेंदों में 10 रन चाहिए। ऐसी स्थिति में भारतीयों की निगाहें केवल महेंद्र सिंह धोनी’ की तरफ देख सकती थी लेकिन अफसोस, वह इस टीम का हिस्सा नहीं हैं। सामने है विश्व के सबसे घातक गेंदबाजों में शुमार 'टिम साउदी।' और अब साउदी शरीर की पूरी ताकत से फेंकने जा रहे हैं 5वीं गेंद जो विकेट पर लग गई तो वह जमीन से उखड़ जाए।..........लेकिन यह क्या ! सामने खड़े इस भारतीय बल्लेबाज ने मुस्कुराते हुए उस गेंद को स्टैंड में पहुंचा दिया है जैसे कोई नए गेंदबाज के साथ खिलवाड़ कर रहा हो। इसके छक्के के साथ करोड़ों लोग की उम्मीदें फिर जाग गई। अगली और अंतिम गेंद का भी वही अंजाम हुआ , दोनों गेंदों में दो छक्के। इस तरह भारत ने यह रोमांचक मैच और सीरीज जीतकर न्यूजीलैंड से विश्व कप में मिले हार का बदला ले लिया।
गेंद से इस तरह हंसी–ठिठोली करने वाला यह बल्लेबाज कोई और नहीं , यह है 3 दोहरे शतक लगाने वाला ’हिट मैन,’ - रोहित शर्मा। वही रोहित शर्मा जिसे सामने देख गेंदबाज विकेट लेने की नहीं, बल्कि छक्के खाने से बचने के लिए गेंदबाजी करता है। "आज शर्मा जी का जन्मदिन है।"
जो लोग क्रिकेट को जैंटलमैंस गेम समझते हैं उन्हें भारतीय क्रिकेटरों में सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी के बाद कोई सबसे प्रिय है तो वह है– 'रोहित गुरुनाथ शर्मा'। आज वे 33 वर्ष के हो गए हैं.....सिर्फ तैंतीस! यूं तो रोहित व्यक्तिगत रूप से शांत प्रवृत्ति के हैं और हमेशा मुस्कुराते हुए नजर आते हैं लेकिन जब यह बल्लेबाज 22 गज के दायरे में बल्ला लेकर उतरता है तो इनका अंदाज अलग होता है, बल्ला पकड़ने के बाद मानो उन पर कोई उग्र अदृश्य शक्ति समा जाती है। एक बार गेंद इन के बल्ले पर आनी शुरू हो जाए फिर सामने कितना भी घातक गेंदबाज हो शर्मा जी के लड़के’ को फर्क नहीं पड़ता। उसके लिए लगभग 170 ग्राम का बॉल कोई प्लास्टिक का बॉल बन जाता है और 70 मीटर का दायरा मानो घर की चारदीवारी। शर्मा जी के बल्ले से लगकर निकली गेंद केवल एक नहीं बल्कि स्टेडियम के हर तरफ बैठे दर्शकों के पास जाती है। अक्सर रोहित की पारियां लम्बी नहीं होती , लेकिन जितनी देर वे क्रीज पर होते हैं क्या मजाल कि कोई क्रिकेट प्रेमी अपनी सीट से हिल भी जाये।
रोहित शर्मा को इस स्तर पर लाने में सबसे बड़ा हाथ उनकी असफलताओं का है। उनका शुरुआती कैरियर निराशा से भरा रहा लेकिन बहुत कम समय के भीतर उन्होंने जो सम्मान हासिल किया है, वह अकल्पनीय है। यदि रोहित शर्मा के युग को दो भागों में विभाजित किया जाए, तो यह 2013 से पहले और 2013 के बाद का युग होगा। पूर्व युग में प्रतिभाशाली बल्लेबाजों में शुमार द्रविड और गांगुली जैसे महान खिलड़ियों की विदाई का समय था और यहां मौका था नई प्रतिभाओं के सामने आने का लेकिन रोहित इस अवसर पर उठने में नाकाम रहे। जब वह टीम से बाहर जाते थे, तो घरेलू टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन करते थे और उन्हें राष्ट्रीय टीम में वापस लाया जाता था। फिर टीम में कभी 7 नंबर तो कभी 4 नंबर पर साबित करने की जद्दोजहद में लगे थे। फिर भारतीय टीम में एक्सपेरिमेंट करने वाले कैप्टन कूल’ ने उन्हें एक सलामी बल्लेबाज के रूप में एक मौका जिसे रोहित शर्मा ने अपने दोनों हाथों से पकड़ा।
सीमित ओवरों के खेल में जब सचिन ने 200 रन बनाए तब यह प्रश्न उठा था कि इनका रिकॉर्ड कौन तोड़ सकता है, सचिन ने जवाब दिया था - "कोई भारतीय बल्लेबाज।" यह कारनामा सबसे पहले वीरेंद्र सहवाग ने किया और उसके बाद रोहित शर्मा ने एक ऐसा कीर्तिमान खड़ा कर दिया जिसे पार पाना आसान नहीं है रोहित ने यह एक नहीं तीन बार करके दिखाया। आईपीएल में भी जब मुंबई इंडियंस की कमान रोहित शर्मा के हाथ में आई तो उन्होंने बुमराह, पांड्या ब्रदर्स और नितीश राणा जैसे खिलाड़ियों को मौके दिए, टीम को एक साथ रखा और इसका नतीजा यह हुआ कि धोनी की टीम से टक्कर लेने वाली एकमात्र टीम मुंबई इंडियंस बन गई और बुमराह अब भारतीय गेंदबाजी की रीढ़ हैं।
मैंने रोहित शर्मा की बल्लेबाजी उनके शुरुआती दिनों से देखी है हालांकि मैं उनके शुरुआती दिनों में उनका प्रशंसक नहीं रहा लेकिन जब उनकी बल्लेबाजी का अंदाज देखा तो उनका कायल हो गया। वह एम.एस धोनी जितने शांत नहीं हैं और न ही विराट कोहली जितने आक्रामक। रोहित शर्मा के पास कप्तानी का भी अपना तरीका है। उन्हें अपनी बल्लेबाजी पर भरोसा है, टीम के प्रति विश्वास है जिसकी बदौलत कम स्कोर वाले मैचों में भी उन्होंने बड़ी टीमों को हराया है।
रोहित शर्मा लंबे समय तक टीम में बने रहेंगे, उनसे कई उम्मीदें हैं। विदेशों में भारत की जीत को बढ़ाना, टेस्ट में एक स्थायी स्थान बनाना, मुंबई इंडियंस के लिए और जीतें हासिल करना.... आप शर्मा जी के लड़के से कितनी भी उम्मीदें रखें, वह आपको कभी निराश नहीं करेगा। और अंत में एक बार फिर " हैप्पी बर्थडे हिटमैन शर्मा "
(- कड़क मिजाज, आलोक चटर्जी )
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