पंडितों के एक अखिल भारतीय संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोरोनावायरस के प्रकोप से निपटने में मदद के लिए मंदिरों और तीर्थस्थलों को फिर से खोलने का अनुरोध किया है। पूजारी संगठन का दावा है कि कोरोनावायरस एक "असुर (दानव)" है और केवल दिव्य शक्तियों द्वारा इसे खत्म किया जा सकता है।
अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक ने शनिवार को पीएम को लिखे एक एक पत्र में कहा, "अगर सभी मंदिरों और तीर्थ स्थलों को फिर से खोल दिया जाता है तो कोरोनावायरस कुछ नुकसान नहीं कर सकता है।"
उन्होंने कहा कि मंदिरों के बंद होने से पुजारियों की आर्थिक स्थिति पर भी प्रभाव पड़ा है और उनके लिए विशेष वित्तीय पैकेज की मांग की गई है।
महेश पाठक ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में कुछ प्रतिबंधों के साथ धार्मिक स्थलों को फिर से खोला जा सकता है।
सरकार ने कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए स्कूलों, कॉलेजों, मॉल और कारखानों के अलावा मंदिरों और धार्मिक स्थलों को खोलने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
महेश पाठक ने कहा कि भारत संभवत: "देवताओं के क्रोध" का सामना कर रहा है क्योंकि मौजूदा जारी लॉकडाउन में उनके साथ "कारखानों के बराबर" व्यवहार किया गया है।
संगठन ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि वे पुजारी और पंडों को सरकार द्वारा विभिन्न श्रेणियों के लोगों को प्रदान किए जा रहे आर्थिक पैकेज में शामिल करें।
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