जब सरकार को यही नहीं मालूम है कि किस राज्य के कितने मजदूर कहाँ काम करते हैं तो फिर उनके कल्याण के लिए की गई घोषणा की हकीकत क्या होने वाली है, इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं। सरकार से सिर्फ इतना भर पूछ लें कि देश में मजदूरों की संख्या क्या है? तो भी आपको देशद्रोही कहा जा सकता है!
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) May 18, 2020
सरकारों का दावा है कि वो मजदूरों का ख्याल रख रही हैं। कैसे? मजदूरों को सुरक्षा देने वाले देश के श्रम कानूनों को खत्म करके! है न कमाल की बात?
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) May 17, 2020
राग दरबारियों की भाषा में इसी बेशर्मी को कहते हैं- "मास्टर स्ट्रोक"
रोज देश के किसी न किसी कोने से मजदूरों और मरीजों के मरने की दर्दनाक खबरें आ रही हैं। इस गम के दौर में भी राग-दरबारियों की टोलियाँ 'छः साल बेमिसाल' की ख़ूबियाँ गिना रही है।
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) May 16, 2020
ये इतने दिनों से कहाँ दुबका हुआ था कोई पूछो इससे। जेएनयू को बदनाम करने वाले ऐसे लोगों की बात को आपलोग ही हवा देते हैं।
ReplyDeleteDurust farmaya dinesh bhaijan is aafat ke samay madad karne ki jagah apni raajneeti chamkane me lga hai ye bhagoda
DeleteChutiya insan chutiya boli
ReplyDeleteYe khud sabse bada deshdrohi hai
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