उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण फैलाने में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोगों का हाथ है।
सीएम योगी से एक निजी समाचार चैनल के कार्यक्रम में सवाल किया गया था कि क्या तब्लीगी जमात के ऊपर संक्रमण फैलाने के आरोप लग रहे हैं वो सही हैं? इसके जवाब में सीएम योगी ने कहा, " किसी ने अनावश्यक आरोप नहीं लगाए हैं। निज़ामुद्दीन मरकज़ में जो तब्लीगी गए थे वो ये जानते थे कि वहां विदेशी आए हैं जो कोरोना पॉज़ीटिव हैं, फिर भी उन्होंने छिपाया।"
"बीमारी एक हो गई कोई बात नहीं, उसका उपचार होगा। लेकिन बीमारी के संक्रमण को जगह-जगह फैलाएं, इसको लेकर लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करें ये स्वीकार्य नहीं है। और मुझे बोलते हुए कोई संकोच नहीं की तब्लीगी के इस रवैये की वजह से ये संक्रमण इतनी तेज़ी से फैला। आज यूपी में करीब 1650 एक्टिव केस में 1000 से ज्यादा तब्लीग से जुड़े हैं। जब पूरे देश में कोरोना को लेकर अलर्ट जारी था उस समय अगर इनका कोरोना पॉज़ीटिव था तो इन्हें प्रशासन को बताना चाहिए था, क्वारंटीन में जाना चाहिए था। लेकिन उन्होंने इसके बजाय इसे छिपाया और इस प्रकार की बयानबाज़ी की और लोगों ने उस अंधविश्वास पर विश्वास किया जिसकी वजह से देखते ही देखते इसकी चपेट में देश की बड़ी आबादी आ गई।"
"इसको और भी अच्छे तरीके से नियंत्रित किया जा सकता था। लेकिन उस समय उन्होंने जो लापरवाही की, जानबूझकर दो कृत्य किए को अक्षम्य अपराध है। उत्तरप्रदेश में ही इन जमातियों ने जगह जगह जा कर इस तरह के कृत्य करने के प्रयास किए थे। हमारी पुलिस ने समय रहते उन सभी को क्वारंटीन में पहुंचाया। अगर इन लोगों ने समय रहते भारत सरकार या राज्य सरकार की अपीलों पर ध्यान दिया रहता तो संभवत: ये स्थिति नहीं होती। तब्लीगियों से इस बीमारी की कड़ी जुड़ी क्योंकि उन्होंने इसे छिपाने का अपराध किया है। "
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमने इस बारे में स्पष्ट कर दिया है कि जो भी कानून के साथ खिलवाड़ करेगा, कानून की सुसंगत धाराओं के तहत उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। कोरोना योद्धा के रूप में काम करने वालों को सुरक्षा देना सरकार का कार्य है लेकिन वायरस से संवाहक बनकर कोई इस बीमारी को फैलाने के लिए जिम्मेदार होगा तो उसकी जवाबदेही भी सरकार तय करेगी।’’
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