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Wednesday, February 21, 2018

ये शहर मर गया हैं


ये शहर मर गया है,
क्योंकि यहाँ रहने वाला इंसान डर गया है।
रोज जब यहाँ किसी
अबला की चीख गूंजती है
तो लोग उसे अनसुना कर देते है
कानों में रूई ठूंस लेते हैं
क्योंकि वो डरे हुए हैं
इसलिए ये शहर मरे हुए हैं।
जब सड़क पर कोई घायल होता है
तो लोग उससे बच कर निकलते हैं
उसकी मदद की बजाय,
फोटो खींचते हैं और उसे पोस्ट कर चल देते हैं
क्योंकि वो लोग जिंदा नहीं
वो इस मरे हुए शहर की
चलती फिरती लाशें हैं।
पर याद रखो
एक दिन यहां हमारी चीख गूंजेगी
पर उसे सुनने वाला कोई नहीं होगा।
एक दिन हम सड़क पर पड़े होंगे
पर कोई सहारा नहीं देगा।
इसलिए अभी भी समय है
हे इंसानों, अपने अंदर इंसानियत भरो
और इस शहर को फिर से जिंदा करो।

कड़क मिजाजी

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