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Monday, February 26, 2018

बस एक इशारे का इंतजार

मैं दिखने में अच्छा नहीं हूँ
मुझे बाखूबी पता है
और कपड़े तो जैसे
गवारों की तरह पहनता हूँ..
स्वेटर के ऊपर पापा की पुरानी जैकेट
और उसपर एक
बड़े नंबर वाला चश्मा
बाल चिड़िया के घोसले जैसे हो गए हैं
ऐसा लगता है बरसों से कंघी नहीं की
ऐसा नहीं है कि ये सब मैं नहीं जानता
रोज पहले आइना मुझे देखता है
और बाद में आप सब..
पर बदलता नहीं हूँ खुद को
जानते हैं क्यूँ???
एक दिन उसके साथ
मेरी पहली मुलाक़ात थी
और मैं बिल्कुल हूबहू ऐसा ही दिख रहा था
जैसा आपको बताया अभी,
उसने मुझे दूर से देखा और
अपनी पहली ऊँगली को
अँगूठे से जोड़ती हुई
एक इशारा किया था,
वो इशारा देखते ही मुझे लगा
मैं दुनिया का सबसे सुंदर इंसान हूँ...
लोग मुझपर हँसते थे
और मैं मन ही मन मेरी सुंदरता पर हँसता था..
और तब से मैंने खुद को
बदला नहीं...
अलग ही गुमान में रहता था..
हाँ ये नहीं पता की झूठ किसने बोला था
आप लोगों ने
या आईने ने..
या फिर उसने..
पर क्या आप देखना चाहेंगे वो इशारा??
जिस इशारे ने
मुझे खुद को बदलने से रोक रखा है..
नीचे की तस्वीर जरूर देखिये..
शायद आप भी खुद को नहीं बदलेंगे।

नोट: आप जैसे भी हैं अच्छे हैं। बस इस इशारे का इंतज़ार कीजिये। 

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1 comment:

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