दिल्ली के एक डॉक्टर, राजेन्द्र सिंह ने शनिवार को आम आदमी पार्टी के विधायक द्वारा उत्पीड़न के कारण कथित रूप से आत्महत्या कर ली। अपने दो-पेज के नोट में, डॉक्टर ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी के नेता और उसके सहयोगी उनसे पैसे की मांग कर रहे थे, और जब उन्होंने पैसे देने से इनकार कर दिया तो उन्होंने उनके व्यवसाय को निशाना बनाया।
डॉक्टर राजेन्द्र सिंह दिल्ली के नेब सराय इलाके में रहने वाले थे और वे पानी-टैंकर से सम्बंधित व्यवसाय करते थे। वे अपने किरायेदार के कमरे में फांसी पर लटके हुए पाए गए । अपने दो पेज के सुसाइड नोट में उन्होंने देवली के विधायक प्रकाश जरवाल और उनके सहयोगी कपिल नागर को उनकी मौत के लिए दोषी ठहराया।
विधायक प्रकाश जारवल
पुलिस ने एक व्यक्तिगत डायरी भी बरामद की है जिसमें उसने स्पष्ट रूप से उत्पीड़न के बारे में लिखा है। डायरी में पीड़ित ने लिखा है कि उसने दिल्ली जल बोर्ड को अपने टैंकर किराए पर दिए थे और विद्यायक इसके लिए जबरन पैसे की मांग कर रहे थे। उन्होंने यह भी लिखा कि जब उन्होंने विधायक को पैसे देने से इनकार कर दिया तो दिल्ली जल बोर्ड सेवा से टैंकर हटा दिए गए।
डॉक्टर राजेन्द्र सिंह दिल्ली के नेब सराय इलाके में रहने वाले थे और वे पानी-टैंकर से सम्बंधित व्यवसाय करते थे। वे अपने किरायेदार के कमरे में फांसी पर लटके हुए पाए गए । अपने दो पेज के सुसाइड नोट में उन्होंने देवली के विधायक प्रकाश जरवाल और उनके सहयोगी कपिल नागर को उनकी मौत के लिए दोषी ठहराया।
विधायक प्रकाश जारवल
पुलिस ने एक व्यक्तिगत डायरी भी बरामद की है जिसमें उसने स्पष्ट रूप से उत्पीड़न के बारे में लिखा है। डायरी में पीड़ित ने लिखा है कि उसने दिल्ली जल बोर्ड को अपने टैंकर किराए पर दिए थे और विद्यायक इसके लिए जबरन पैसे की मांग कर रहे थे। उन्होंने यह भी लिखा कि जब उन्होंने विधायक को पैसे देने से इनकार कर दिया तो दिल्ली जल बोर्ड सेवा से टैंकर हटा दिए गए।
पुलिस ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए एम्स भेज दिया गया है। देवली विधायक और उनके सहयोगी के खिलाफ जबरन वसूली, आत्महत्या और धमकी देने का मामला दर्ज किया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि इसके पहले भी विधायक प्रकाश जारवाल को एक महिला को डराने के लिए दोषी ठहराया गया था।
हालांकि विधायक ने सफाई देते हुए कहा कि वे निर्दोष हैं, उन्हें फसाया जा रहा है और वे हर तरह की जांच के लिए तैयार हैं।
कड़क सवाल -
"दिल्ली के मुख्यमंत्री , श्री अरविंद केजरीवाल एक स्पष्ट छवि वाले नेता में गिने जाते रहे हैं। युवाओं का उनपर यह विश्वास भी है कि वे भारतीय राजनीति को एक नई दिशा देंगे। लेकिन ऐसे विधायकों, जिनसे उनकी साख पर बट्टा लगना तय है, पर वे क्यों मौन रह जाते हैं? ऐसा कर वे दूसरी राजनीतिक पार्टियों के ढ़र्रे पर चलने को क्यों मजबूर हैं? क्या राजनीति करने के लिए ऐसे छवि के लोगों की उन्हें वाकई जरूरत है ?
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