गुरुवार को मुंबई के एंटॉप हिल इलाके में पुलिस पार्टी पर लगभग 15-20 लोगों की भीड़ ने धारदार हथियार से हमला कर दिया। पुलिस द्वारा लॉकडाउन के उल्लंघन और रेड जोन में कोरोनोवायरस के प्रसार को रोकने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं करने पर स्थानीय लोगों के साथ सख्ती बरतने पर यह घटना हुई।
15 से अधिक लोगों पर हत्या और दंगा करने, हमला करने, खतरनाक हथियारों का उपयोग करने और लॉकडाउन के उल्लंघन के प्रयास के लिए मामला दर्ज किया गया है। साथ ही एंटॉप हिल पुलिस स्टेशन में इनके ऊपर एफआईआर भी दर्ज की गई।
यह तब शुरू हुआ जब एंटॉप हिल के गरीब नवाज नगर में एक रेड जोन में गश्त कर रहे पुलिस कर्मियों और राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) के जवानों की एक टीम ने गुरुवार को पाया कि स्थानीय लोग लॉकडाउन प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहे हैं।
एंटोप हिल के नवाज नगर को रेड जोन घोषित करने के बावजूद कई स्थानीय निवासियों को बिना प्रोटोकॉल का पालन किए घूमते देखा गया। गश्त कर रहे पुलिसकर्मियों ने इलाके के कुछ लोगों को मास्क नहीं पहनने के कारण आगे बढ़ने से रोक दिया, जिसके बाद बहस हुई।
इसके बाद करीब 15 लोगों ने पुलिस पार्टी पर धारदार हथियार से हमला किया। एक सब-इंस्पेक्टर और दो कांस्टेबल हमले में घायल हो गए, जिन्हें स्थानीय सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कड़क सवाल-
कोरोनावायरस क्या है और यह कितना संवेदनशील है यह हर कोई जानता है। इसकी अनदेखी करना खुद को नुकसान पहुंचाने के साथ पूरे परिवार के जान को जोखिम में डालने के बराबर है। सैकड़ों पुलिसकर्मीयों के संक्रमित हो जाने के बावजूद अपनी जान जोखिम में डालकर देशभर में पुलिसकर्मी हमें बचाने के लिए डटकर खड़े हैं। इनका सम्मान करने की बजाय जगह-जगह इनपर हमले होने की घटना क्या मानवता के खिलाफ नहीं है? क्या ऐसी घटनाएं मानवता को शर्मसार नहीं करती है??
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Kalank h ye log insan ke name par.
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