एक ओर जहां पूरी दुनिया कोरोनावायरस से लड़ाई के लिए एकजुट खड़ी है वहीं दूसरी ओर आतंकवादी हमारे देश को बड़ा ज़ख्म दे गए। 2 मई, 2020 को जम्मू और कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा, एक अन्य अधिकारी, दो सैनिक और एक जम्मू-कश्मीर पुलिस जवान शहीद हो गए थे। इस मुठभेड़ में 2 आतंकवादियों को भी मार गिराया गया था। इन सभी 5 शहीदों की अपनी अपनी कहानी है जिसे सुनाने के लिए अब ये हमारे बीच नहीं रहे।
इन शहीदों में से एक थे 21 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के मेजर अनुज सूद। अनुज हिमाचल प्रदेश में जिला कांगड़ा के देहरा से थे।
तिरंगे में लिपटे मेजर अनुज सूद का शरीर सोमवार शाम चंडीगढ़ पहुंचा। मंगलवार को उन्हें पंचकूला में अमरावती एन्क्लेव स्थित उनके आवास से श्मशान घाट ले जाया गया।
कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर इनके अंतिम संस्कार में बहुत कम लोग शामिल हो सके। शामिल होने वाले लोगों में सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी और मेजर सूद के परिवार के सदस्य- उनकी पत्नी आक्रीति, पिता ब्रिगेडियर चंद्रकांत सूद, बहन हर्षिता और माँ रहीं। दाह संस्कार के दौरान कुछ करीबी रिश्तेदार भी मौजूद थे।
लेफ्टिनेंट जनरल जीएस संघा ने उन्हें सेना की ओर से श्रद्धांजलि दी।
हरियाणा विधानसभा के स्पीकर और पंचकूला के विधायक ज्ञानचंद गुप्ता, डिप्टी कमिश्नर मुकेश कुमार आहूजा और पुलिस कमिश्नर सौरभ सिंह ने भी उनका सम्मान किया।
मेजर अनुज सूद के पिता चंद्रकांत सूद ने कहा कि अनुज भारत माता के सच्चे पुत्र थे।
उन्होंने आगे कहा, “अनुज ने दूसरों के जीवन की रक्षा के लिए एक सर्वोच्च बलिदान दिया है और इसी के लिए उसे ट्रेन किया गया था। मुझे उसकी पत्नी के लिए दुख है क्योंकि 2017 में उनकी शादी के सिर्फ तीन-चार महीने बाद ही अनुज को ऑपरेशन के लिए जाना पड़ा था।”
उन्होंने कहा कि अनुज का केवल एक ही सपना था- सेना में शामिल होना। सूद के परिवार के अनुसार वह छह महीने के अंतराल के बाद घर लौटने वाले थे, क्योंकि उन्होंने घाटी में अपने ऑपरेशन का कार्यकाल पूरा कर लिया था। उन्हें एक नई पोस्टिंग मिलने वाली थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण उन्हें अपने कार्यकाल को जारी रखना पड़ा।
Jai hind ��
ReplyDeleteJai Hind Manish.. Keep reading Kadak Mijaji..
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