सियाराम शरण गुप्त | Siyaram Sharan Gupt
सियारामशरण गुप्त ( Siyaram Sharan Gupt) का जन्म 4 सितंबर 1895 को हुआ था। आप हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार और राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त के छोटे भाई थे। आप गाँधीवाद से विशेष प्रभावित थे।एक कवि के रुप में आपको विशेष ख्याति मिली। कथाकार के रूप में भी आपने कथा-साहित्य में अपना स्थान बनाया।
लम्बी बीमारी के बाद 29 मार्च 1963 को सियारामशरण गुप्त का निधन हो गया।
मैं तो वही खिलौना लूँगा (काव्य)
'मैं तो वही खिलौना लूँगा'
मचल गया दीना का लाल -
'खेल रहा था जिसको लेकर
राजकुमार उछाल-उछाल ।'
व्यथित हो उठी माँ बेचारी -
'था सुवर्ण - निर्मित वह तो !
खेल इसी से लाल, - नहीं है
राजा के घर भी यह तो ! '
राजा के घर ! नहीं नहीं माँ
तू मुझको बहकाती है ,
इस मिट्टी से खेलेगा क्यों
राजपुत्र तू ही कह तो । '
फेंक दिया मिट्टी में उसने
मिट्टी का गुड्डा तत्काल ,
'मैं तो वही खिलौना लूँगा' -
मचल गया दीना का लाल ।
' मैं तो वही खिलौना लूँगा '
मचल गया शिशु राजकुमार , -
वह बालक पुचकार रहा था
पथ में जिसको बारबार |
' वह तो मिट्टी का ही होगा ,
खेलो तुम तो सोने से । '
दौड़ पड़े सब दास - दासियाँ
राजपुत्र के रोने से ।
' मिट्टी का हो या सोने का ,
इनमें वैसा एक नहीं ,
खेल रहा था उछल - उछल कर
वह तो उसी खिलौने से । '
राजहठी ने फेंक दिए सब
अपने रजत - हेम - उपहार ,
' लूँगा वही , वही लूँगा मैं ! '
मचल गया वह राजकुमार ।
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