जन्म 29 नवंबर 1966
कवि, लेखक , चित्रकार एवं अनुवादक।
कविता संग्रह- " देखता हूं सपने" एवं और भी कई।
अशोक पांडे सोशल मीडिया, ब्लॉग एवं अन्य साहित्यिक मंचों पर लगातार सक्रिय रहते हैं । प्रकृति से इनका विशेष प्रेम इनके द्वारा खींची गई तस्वीरों से साफ झलकता है।
अशोक पांडे
पर आज हम आपको इनकी अनोखी व्यंग्यात्मक शैली से रूबरू कराएंगे। जैसा कि हम जानते हैं कि हमारे देश में कुत्तों को दुनिया की सबसे वफादार नस्ल माना जाता है ।अमूमन कुत्तों को घर की रखवाली के लिए ही रखा जाता है ।आजकल शहरों में कुत्तों की अलग-अलग प्रजातियां को शौक से पाला भी जाता है । पर अशोक पांडे ने कुत्तों का एक अनोखा इस्तेमाल किया है ।राजनीतिक एवं सामाजिक तंजो ,कटाक्षों एवं व्यंग्यों के लिए । या आसान भाषा में कहें तो meme बनाने के लिए । वह भी 1- 2 नहीं सैकड़ों ।आगे आप खुद देखिए और मजे लीजिए एक अलग किस्म के व्यंग का।
कैसी लगी आपको ये स्टोरी हमे जरूर बताएं।
kadakmijaji@gmail.com पर।
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