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Monday, June 11, 2018

एक कविता रोज का डोज़:- "स्त्री, संसार है"।

 
 ऋषि राज , दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.कॉम स्नातक की पढाई पूरी करके फिलहाल एमिटी लॉ स्कूल, दिल्ली से L.L.B की पढाई कर रहे हैं। उनकी कलम की धार उन्हें लगातार साहित्य से जोड़े रखती है। कई सफल राष्ट्रीय आयोजनों में इन्होंने अपनी सहभागिता निभाई है। आज पढिये इनकी लिखी कविता,


स्त्री संसार है
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स्त्रियाँ सिर्फ
सुख,प्रेम और संगीत होती हैं ।
बाँकी जो कोई भी संसार में,
सुख,प्रेम या संगीत होने का दावा करता है,
वो स्त्री होने का ढोंग करता है।

भला और कौन हो पाया है,
इतना विराट,
जिसके लिये संसार के सबसे बलशाली राजा ने 
हारा हो अपना साम्राज्य,
जिसके लिए अनगिनत कवियों ने रची हैं,
अनगिनत कवितायें,
जिसको वरदान है,
अपने भीतर एक दूसरे धड़कते दिल को
महसूस करने का ।

                                                                                                                 ऋषि राज

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