हाल ही में अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आयटा) द्वारा जारी किए गए सर्वेक्षण के अनुसार 40 फीसदी लोगों ने यह कहा कि हालात ठीक हो जाने के बाद भी वे 6 महीने तक हवाई सफर नही करेंगे। वहीं सिर्फ 14 फीसदी लोगो ने कहा कि वे अपनी यात्रा के लिए ज्यादा इंतजार नही करेंगे। जबकि 46 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे 1 या 2 महीने के बाद ही हवाई यात्रा के बारे में सोचेंगे।
कुछ लोगों ने तो यह तक कह दिया कि वे आगे बिल्कुल भी हवाई यात्रा नही करेंगे। अपनी हवाई यात्रा को फिलहाल टाल देने के लिए लोगो ने आर्थिक बदहाली का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा जब तक उनकी आर्थिक स्थिति पुनः सुदृढ नही हो जाती, वे अपनी यात्रा टाल देंगे।
आयटा के महानिदेशक एलेक्जेंडर डी. जुनाइक ने कहा कि मंदी को लेकर सारी विमानन कंपनियां वित्तीय संकट से जूझ रही है। हालात ठीक हो जाने के बाद भी विमानन कंपनियो की राह आसान नही होगी। एक तरफ जहां स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मन मे संदेह उत्पन्न होंगे, वहीं दूसरी ओर यात्रियों के विश्वास को जीतने की जिम्मेदारी भी होगी।
सरकार और विमानन उद्योग को मिलकर यात्रियों के विश्वास को जीतने व सुरक्षित यात्रा के दावों को पूर्ण करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध होना होगा। तभी विमानन उद्योग में छाई हुई शांति अपने उफान पर आ पाएगी।