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Saturday, May 2, 2020

क्या आपकी निगरानी कर सकता है आपका नया बॉडीगार्ड 'आरोग्य सेतु'.....?

आरोग्य सेतु को लेकर डिजिटल विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर की है।

नए दिशानिर्देशों के अनुसार भारत ने लॉकडाउन को 4 मई के बाद दो सप्ताह (17 मई तक ) के लिए बढ़ा दिया। इसके साथ ही भारत के गृह मंत्रालय के जारी निर्देश में सभी निजी और सार्वजनिक दोनों तरह के कर्मचारियों के लिए 'आरोग्य सेतु' ऐप का उपयोग अनिवार्य किया गया है। मंत्रालय ने कहा है कि , "कर्मचारियों के बीच इस ऐप के 100 प्रतिशत कवरेज को सुनिश्चित करना संबंधित संगठनों के प्रमुख की जिम्मेदारी होगी। " खाद्य वितरण श्रमिकों और कुछ अन्य सेवा प्रदाताओं, साथ ही सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए इस ऐप को पहले ही अनिवार्य कर दिया गया था।




कोरोनोवायरस प्रकोप को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया ऐप, आरोग्य सेतु, उपयोगकर्ताओं के स्थान, उनके चिकित्सा और यात्रा इतिहास के आधार पर संक्रमण के जोखिम का मूल्यांकन करता है। यह एक उपयोगकर्ता के संपर्कों का पता लगाने के लिए ब्लूटूथ और स्थान सेवाओं का उपयोग करता है। लेकिन डिजिटल विशेषज्ञ इस एप को गोपनीयता और बढ़ती निगरानी के लिए इस्तमाल किये जाने पर चिंतित हैं।
डिजिटल अधिकार संगठन 'इंटरनेट फ़्रीडम फ़ाउंडेशन' ने इस ऐप के जरिये निगरानी किये जाने का भी खतरा बताया है। कार्यकारी निदेशक अपार गुप्ता ने कहा कि यह एप जोखिम भरा है और एक जासूस की तरह उपयोग में लाया जा सकता है। डिजिटल अधिकार विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ऐसी तकनीकों का उपयोग निगरानी के जोखिम को बढ़ाता है।

आरोग्य सेतु को अबतक लगभग 50 मिलियन ( लगभग पांच करोड़ ) बार डाउनलोड किया जा चुका है। 130 करोड़ से अधिक आबादी वाले देश में 50 कऱोड़ स्मार्टफोन उपयोगकर्ता के आधार पर यह एक छोटा सा अंश है।



दुनियाभर में इस महामारी के बीच इसकी रोकथाम के लिए कई मोबाइल एप लांच किये गए हैं। बहुत संभव है कि कई देश इनका इस्तमाल अपने नागरिको की निगरानी के लिए करेंगे । चीन अपने नागरिकों की गतिविधियों की निगरानी में सबसे अव्वल माना जाता है। इस महामारी में चीन को इसका फायदा भी मिला है। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में चीन की सरकार ने इस निगरानी का पूरा फायदा उठाया और आसानी से इसपर जीत हासिल की।

हालाँकि आरोग्य सेतु के लॉन्च के समय, अधिकारियों ने कहा था: "एप्लिकेशन द्वारा एकत्र किए गए व्यक्तिगत डेटा को अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके एन्क्रिप्ट किया गया है और यह सुरक्षित है।"

कड़क सारांश :
"अरोग्य सेतु' को एक बड़े सामाजिक उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए तैयार किया गया है। और हम आशा करते हैं कि कोरोना की लड़ाई में यह एक कारगर हथियार साबित होगा।
लेकिन ऐसे मोबाइल एप्लिकेशन के जरिये निजता और निगरानी का खतरा भी है। और ऐसा होने का खतरा भारत में अधिक है, क्योंकि यहाँ न तो डेटा सुरक्षा का कोई कड़ा कानून है और न ही डेटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी।"
इसके अलावा, कुछ ख़बरों के अनुसार भारत सरकार की ओर से लॉन्च किए गए आरोग्य सेतु ऐप के एक नए फर्जी संस्करण को 'पाकिस्तान 'द्वारा भी तैयार किया गया है जिसका मकसद संवेदनशील जानकारियां चुराना हो सकता है। इस फर्जी एप से उपयोगकर्ता के फोन की हैकिंग की जा सकती है और उसमे मौजूद जानकारियों चुराई जा सकती है। अगर ऐसा है तो ऐसे फर्जी ऐप के जरिये भारत के स्मार्टफोन यूजर की गोपनीयता विदेशों में नीलाम हो सकती है क्योंकि इसकी पहचान मुश्किल है।

(- कड़क मिजाज , आलोक चटर्जी )
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