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Friday, May 8, 2020

लॉकाडाउन में ज़्यादा न चिपके मोबाइल-कंप्यूटर से, हो सकती है ये बीमारी!

कोरोनावायरस लॉकडाउन के बीच मिले वर्क फ्रॉम होम की वजह से क्या आप दिनभर फोन या लैपटॉप से चिपके रहते हैं? वजह चाहे जो भी हो अगर इस सवाल का जवाब हां है तो आपको सतर्क होने की ज़रूरत है।

मोबाइल हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है। इसके बिना एक दिन भी गुज़ारने की कल्पना करना मुश्किल है।  लेकिन क्या हम जानते हैं कि सेल फोन से आने वाली तरंगें वास्तव में काफी हानिकारक साबित हो सकती हैं।
लैपटॉप पर ज़्यादा देर काम करने से गर्दन और पीठ में दर्द हो सकता है। इसका एक आसान सा समाधान है- टैब या लैपटॉप को को टेबल पर रखें।

मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल से दिल, कान और त्वचा को नुकसान पहुंचता है। इससे सिरदर्द, नींद ना आना, एकाग्रता में कमी, याद्दाश्त में कमी, टिनिटस (कान में टन टन बजना) भी हो सकता है।
कंप्यूटर की लत से शारीरिक नुकसान हो सकता है। हर दिन कई घंटों के लिए माउस और कीबोर्ड का उपयोग करने से तनाव का शिकार हो सकते हैं

विभिन्न अध्ययनों के अनुसार यह पता चला है कि मोबाइल फोन के लगातार उपयोग से चेहरे पर मुँहासे और जलन हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब आप अपने फोन को अपने चेहरे के पास रखते हैं, तो चेहरे और फोन की सतह के बीच एक घर्षण पैदा होती है, जो त्वचा को नुकसान पहुंचाता है।

लंबे समय तक डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल करने के सबसे आम दुष्प्रभावों में से एक डिजिटल आई स्ट्रेन है। यह स्क्रीन पर बहुत अधिक घूरने के कारण हो सकता है। एक अन्य संभावित कारण high-energy visible light (HEV) है, जो टैब और स्मार्टफ़ोन जैसे उपकरणों द्वारा उत्सर्जित होता है। HEV के लिए विशेष रूप से रात में लगातार संपर्क, समय के साथ दृष्टि खराब हो सकता है।

यह भी पाया गया है कि मोबाइल फोन रेडियो तरंगों का उत्सर्जन करता है जो शरीर में टिशू को जला देता है और इससे शरीर की प्रणाली को नुकसान होता है जो बाद में कैंसर का कारण बन सकता है।

मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल से प्रजनन प्रणाली को भी नुकसान हो सकता है। अध्ययनों में पाया गया है कि मोबाइल फोन अत्यधिक उपयोग से पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या को कम कर वीर्य की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है।


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