प्यारे पापा,
मुझे याद नहीं मैंने इस तरह प्यारे पापा बोल कर आपको कब बुलाया हो, अजीब लगता है ना, फॉर्मल सा, मुझे भी। आप ऑफिस जाते हो, ऑफिस से वापस आते हो उसके बाद सारी चीज़ों में व्यस्त हो जाते हो.. तो शायद ही मुझे समय मिल पाए आपको ये सब बताने के लिए इसलिए मैंने आज का दिन चुना। पापा, एक सिंगल पैरेंट होने के नाते आप जो कुछ करते आए हो, जो कर रहे हो, वो शायद समाज मे एक "ज़िम्मेदारी" के नाम से जानी जाती है पर मैं आपको बताना चाहती हूँ, ये ज़िम्मेदारी का भाव in built नही होता है। आपने समय लिया, और सच कहूं आप इसमें बहुत बेहतर होते जा रहे हो। मुझे मालूम है आप कितने ओवरप्रोटेक्टिव हैं पर उसके पीछे का कारण भी जानती हूँ। आप जैसे ना जाने कितने ही सिंगल पेरेंट्स इस अभाव में जीते हैं कि उनकी परवरिश में कहीं न कहीं एक कमी ज़रूर रह जाती है। मैंने वो भाव आपके अंदर देखा है जब आप मेरी चोटी थोड़ी खराब बना देते हो, जब जला हुआ परांठा टिफिन में डालने के बजाय आप मुझे नूडल्स दे देते हो, जब आप नही समझ पाए कि मुझे सैनिटरी नैपकिन की ज़रूरत है और ना जाने कितने ही मौके आए जब मैंने वो बेबसी वाला भाव आपकी आंखों में देखा।
एक परफेक्ट मम्मी का ना होना शायद इतना स्पेशल नही होता जितना आपके जैसे एक इम्परफेक्ट डैड का होना है। सोचा क्या पता शायद ही आपको कभी बता पाऊँ, इसलिए मैंने आज का दिन चुना। हैप्पी मदर्स डे टू यू डैडी। your imperfections makes you the best mom!
-आपकी बेटी
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